s Swami Keshwanand Samiti Charitable Trust

ट्रस्ट के मुख्य उद्देश्य

  • स्वामी जी के जीवन-दर्शन के अनुरूप ग्रामोत्थान एवं समाज कल्याण के कार्य करना ।
  • सांस्कृतिक, शैक्षिक एवं आर्थिक उन्नति, सामाजिक एवं नैतिक उत्थान के द्वारा ग्राम्य जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रेरणा देना ।
  • सामाजिक कुरीतियों का निवारण, भ्रमपूर्ण रूढ़ियों का उन्मूलन, अछूतोद्धार, नारी-जाती का उत्थान, दान-दहेज बहिष्कार, मध्यनिषेध, नशा-मुक्ति, परिवार नियोजन व कल्याण, स्वास्थ्य-रक्षा एवं शिक्षा तथा हिन्दी-प्रचार को प्रोत्साहित करना ।
  • शिक्षा-प्रचार हेतु स्कूल, कालेज, प्रशिक्षण केन्द्र, वाचनालय, पुस्तकालय, छात्रावास आदि के संस्थापन-संचालन में आर्थिक सहयोग देना ।
  • प्रतिभा सम्पन्न छात्र-छात्राओं को शिक्षा हेतु पुरस्कार, छात्रवृत्ति, ऋण एवं मेडिकल, ईंजीनियरिंग आदि तकनीकी संस्थाओं में प्रवेश हेतु निर्धारित परतियोगिताओं की तैयारी करने की व्यवस्था करना ।
  • स्वामी जी द्वारा संस्थापित एवं पोषित विभिन्न संस्थाओं से सम्पर्क एवं सदभाव रखना तथा उनकी प्रगति में रुचि लेकर यथोचित सहयोग व आर्थिक सहायता करना ।
  • सार्वजनिक उपयोग हेतु मातृगृह, शिशु-शाला, चिकित्सालय, औषधालय, स्वास्थ्य-केन्द्र, परिचर्यालय, विश्रामालय, अतिथिगृह आदि का निर्माण एवं संचालन करना ।
  • स्वामी जी की जीवनी, कृतित्व एवं जीवन-दर्शन विषयक एवं अन्य समाजोपयोगी प्रेरणादायक सतसाहित्य का सृजन एवं प्रकाशन कराना ।
  • स्वामी जी के निर्वाण-दिवस पर एवं समय-समय पर उनके श्रधालुजन के सम्मेलन का आयोजन करना ।
  • कृषि, पशुनस्ल सुधार एवं ग्रामोपयोगी अन्य विषयों के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य एवं खोजपूर्ण साहित्य रचना को प्रोत्साहन देना ।

ट्रस्ट के स्थायी कोष (पूंजी) को बढ़ाने का प्रयास :-

आगे के वर्षों में ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया एवं वरिष्ठतम संरक्षक ट्रस्टी श्री रामचन्द्र चौधरी के नेतृत्व में ट्रस्ट का सदस्यता अभियान (दान-संग्रह-कार्य) सतत चला जिसमें साथ रहकर प्रमुख सहयोग चौ. बीरबल सिंह भादू सुरतगढ़, चौ. गंगाजल मील हनुमानगढ़, चौ. सुलतान राम जांदू श्रीगंगानगर, चौ. हजारी लाल रिणवां अबोहर, चौ. भागीरथ जाखड़ घमूड़वाली एवं समाज के कई अन्य सम्मान्य अग्रणी सज्जनों ने दिया । प्रति-वर्ष स्वामी के स्मृति दिवसोत्सव 13 सितम्बर पर ग्रामोत्थान विध्यापीठ में श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन विध्यापीठ परिवार के सहयोग से होता रहा है और उस अवसर पर भी ट्रस्ट के स्थायी कोष में दान की प्राप्ति होती रही । 13 सितम्बर 1933 के स्मृति दिवसोत्सव तक ट्रस्ट के स्थायी कोष का प्रथम निर्धारित लक्ष्य एक करोड़ का पूर्ण हो गया । आगे के वर्षों में भी स्थायी कोष में धीरे-धीरे वृद्धि होती रही । इस समय में सबसे बड़ा व्यक्तिगत सहयोग प्रवासी भारतीय डॉ. घासीराम जी वर्मा सीगड़ी जि. झुंझुनू का रहा है जो सन् 2008-09 से प्रतिवर्ष दस लाख रुपए ट्रस्ट की विभिन्न ग्रामोपयोगी योजनाओं के संचालन के लिए ट्रस्ट में दान स्वरूप देते आ रहे हैं । दिनांक 13 सितम्बर 2011 तक ट्रस्ट का स्थायी कोष दो करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गया है ।